जीएसटी घोटाला मामले में कोल्हापुर में टैक्स कंसल्टेंट गिरफ्तार- कनेरीवाड़ी स्थित दंपत्ति पर जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी का मामला दर्ज..

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एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी के विश्वास का गलत फायदा उठाकर 3.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में वीरेंद्रकुमार कृष्णा पाटील और उसकी पत्नी प्रियंका पाटिल के खिलाफ महाराष्ट्र ,कोल्हापूर के गोकुल शिरगांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में वीरेंद्र कुमार पाटील को गिरफ्तार कर लिया है।
    शिकायतकर्ता संदीप मारुति कोथले (निवास कनेरीवाड़ी, ता. करवीर) का एस. के. ट्रांसपोर्ट और फर्नीचर नाम से व्यवसाय है और आरोपी वीरेंद्र कुमार मूल रूप से गडहिंग्लज  तालुका का रहने वाला है और कोथले के लिए जीएसटी कर सलाहकार के रूप में काम कर रहा था। मई 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं के विश्वास का फायदा उठाया और उनके जीएसटी नंबर का दुरुपयोग किया। इस अवधि के दौरान, जबकि वादी के व्यवसाय का सीमेंट बिक्री से कोई लेना-देना नहीं था, आरोपियों ने अपनी फर्म के नाम पर फर्जी खरीद और बिक्री बिल तैयार किए। इन फर्जी बिलों को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड कर फर्म "ओम ट्रेडर्स" को वित्तीय लाभ पहुंचाया गया। इस धोखाधड़ी के जरिए आरोपियों ने शिकायतकर्ता के कारोबार के नाम पर 3.28 करोड़ रुपये की बकाया राशि दिखाकर यह रकम हड़प ली।
       टैक्स कंसल्टेंट वीरेंद्र कुमार पाटील को 22 तारीख तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही उसकी पत्नी  भी,चूंकि फर्म प्रियंका वीरेंद्र कुमार पाटिल के नाम पर है, इसलिए पुलिस उसकी भी गहन जांच कर रहे हैं। यह जानकारी शिरगांव पुलिस से मिली।                          आरोपी वीरेंद्र कुमार पाटील का धोखाधड़ी का इतिहास रहा है और उसके खिलाफ 2019 में भी गोकुल शिरगांव पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले आरोपी वीरेंद्र कुमार पाटील ने 2019 में झूठी वैट रसीदें पेश करके उद्योगपति मंगल निर्मले से 2.5 करोड़ रुपये की ठगी की थी। उसने फर्जी बिल और झूठे विवरण दिखाकर धोखाधड़ी की।
    इसके अलावा, वीरेंद्र कुमार पाटील महालक्ष्मी कास्टिंग सॉल्यूशंस नामक फर्म के लिए कर सलाहकार के रूप में काम कर रहा था। उसने 2014 से 2017 तक कागल एमआईडीसी में राजेंद्र कृष्णजी कुलकर्णी नामक उद्योजक की एक फैक्ट्री में  अकाउंटेंट के पद पर काम करते हुए उसने झूठे और जाली बिल बनाकर व्यवसायी से एक करोड़ रुपये की ठगी की थी।
 इस बीच, केंद्रीय जीएसटी, कोल्हापुर आयुक्तालय की कर चोरी निरोधक शाखा द्वारा इस मामले को प्रकाश में लाने के बाद, उसके खिलाफ यह धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है । यह उम्मीद की जा रही है कि कर सलाहकार की और भी करतूतें सामने आयेगी।