अचल संपत्ति के निर्माण मे जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के मामलेमे मे.सफारी रीट्रीट केस में मा. सर्वोच्च न्यायालयने सूनाया फैसला!

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मा. सर्वोच्च न्यायालयने सखोल विश्लेषण के बाद मे. सफारी रीट्रीट मामलेमे  सिविल अपील क्र. 2948/2018 एवं 2949/ 2018 में मा. उड़ीसा उच्च न्यायालय के फैसले को बाजू रखते हुए उक्त मामला पुनर्विचार के लिए मा.ओडिशा उच्च न्यायालय को भेजा  और मा. ओडिशा उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि इस मामले के तथ्यों के आधार पर उसे यह तय करना चाहिए कि जीएसटी कानून, 2017 की धारा 17(5)(d) में परिभाषा में शॉपिंग मॉल एक "प्लांट" है या नहीं। इस आदेश से केन्द्रीय राजस्व विभाग की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया गया।
    साथ ही मा. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई अंतिम न्याय निर्णयन नही किया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अचल संपत्ति (शॉपिंग मॉल) का निर्माण "प्लांट" है या नहीं और कहा कि प्रत्येक मामले को जारी आदेश के अनुसार उसके गुण-दोष के आधार पर तय किया जाना चाहिए। यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता इस मुद्दे को उचित कार्यवाही में उठा सकते हैं।
 अंततः जीएसटी अधिनियम की धारा 17 (5) (d) की व्याख्या से संबंधित मामलों को छोड़कर उक्त याचिका खारिज कर दी ।
   इस सन्दर्भ में कानूनी मामलों और विस्तृत जानकारी के लिए मा. उच्चतम न्यायालय के 3.10 2024 का आदेश देखा जा सकता हैं