अचल संपत्ति के निर्माण मे जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता का मामला आज मा. सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष....पूरे उद्योग और निर्माण क्षेत्र का ध्यान

GST 4 YOU

मा. सुप्रीम कोर्ट में अचल संपत्ति के निर्माण में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इनपुट टैक्स क्रेडिट देने के संबंध में अपील पर फैसले के लिए ऐतिहासिक सफारी रिट्रीट केस  आज (3 अक्टूबर, 2024) सूचीबद्ध किया गया है ।
  जीएसटी एक ऐसी "कर प्रणाली" जो आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से माल और सेवा कर क्रेडिट के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करके, करों के व्यापक प्रभाव से बचाती है। जिसमे कर राशि पर कराधान की आवश्यकता नहीं होती है।  विनिर्माण या आयात से लेकर आपूर्ति श्रृंखला मे मूल्यवर्धन पर जीएसटी लगाए जाने की अपेक्षा होती  है।
लेकिन हितधारकों का कहना है कि अचल संपत्ती के मामले मे आयटीसी न देने से   व्यापक कर प्रभाव बढ़ जाता है क्योंकि रियल एस्टेट के निर्माण में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का प्रवाह पुरा नहीं होता है।
    मे.सफारी रिट्रीट्स मामले में, मूल याचिकाकर्ता  मुख्य रूप से शॉपिंग मॉल  किराये पर  देते थे और उन्होंने विभिन्न सामग्रियों और सेवाओं (जैसे, सीमेंट, स्टील, वास्तुशिल्प सेवाएं आदि) की खरीद पर जीएसटी का भुगतान किया था। याचिकाकर्ता ने इन इनपुट पर आईटीसी का दावा किया और जीएसटी के भुगतान के लिए उनका उपयोग करने की मांग की। लेकीन, राजस्व अधिकारियों ने माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 17 (5) (डी) के तहत  आईटीसी दावे को खारीज करके  बिना आईटीसी लेके किराये  पर जीएसटी का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
हालाँकि मा. उड़ीसा उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया, जिस पर केंद्रीय राजस्व विभाग मा. सर्वोच्च नायालय अपील दायर कि है , जो आज सूचीबद्ध  है।