केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), पुणे जोनल यूनिट ने 561.58 करोड़ रुपये के एक बड़े फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले का खुलासा किया है। इस फर्जी लेनदेन के मुख्य मास्टरमाइंड मोहम्मद रियाज उद्दीन को तेलंगाना के हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीजीजीआई अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर पाया कि पुणे स्थित करदाता मे. एन एल ट्रेडर्स ने फर्जी लेनदेन के माध्यम से आईटीसी का झूठा दावा किया था। आगे के सत्यापन से पता चला कि इसमें शामिल एक अन्य फर्म, एच बी ट्रेडिंग कंपनी, हैदराबाद, अपने घोषित पते पर मौजूद नहीं है।
ई-वे बिल और कॉल रिकॉर्ड के आईपीडीआर/ सीडीआर विश्लेषण सहित एक विस्तृत जांच से पता चला कि मे. एच बी ट्रेडिंग और 57 अन्य फर्जी कंपनियों के लिए रियाज उद्दीन द्वारा ई-वे बिल दाखिल किए गए थे। 8 अक्टूबर 2024 को उनके आवास पर छापेमारी के परिणामस्वरूप लगभग 2,600 नकली रसीदें, विभिन्न कंपनियों के पांच रबर स्टांप और सक्रिय कंपनियों के आईडी और पासवर्ड वाले पेन ड्राइव जब्त किए गए। उसके परिसर में पाए गए लैपटॉप आधुनिक सॉफ्टवेयर से लैस थे, जिनका इस्तेमाल कुल 58 संगठनों के लिए फर्जी चालान और ई-वे बिल बनाने के लिए किया गया था।
प्राथमिक जांच से पता चला कि रियाज़ उद्दीन ने वस्तुओं या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना नकली चालान और ई-वे बिल का एक परिष्कृत नेटवर्क बनाया। इसके परिणामस्वरूप आईटीसी को 561.58 करोड़ रुपये का चूना लगाकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। पुणे डीजीजीआई के अधिकारियों द्वारा आगे की जांच जारी हैं ।