जीएसटी असेसमेंट आदेश मृत व्यक्ति के खिलाफ पारित करना सही नहीं - मा. मद्रास उच्च न्यायालय

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मा.मद्रास उच्च न्यायालयने W. P. Nos. 14718 & 14723 of 2024  and W. M.P. Nos.15957 & 15958 of 2024 ,मामले मे दायर याचिका मे फैसला सुनाया कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) असेसमेंट आदेश मृत व्यक्ति के खिलाफ बरकरार नहीं रखा जा सकता। अदालत ने मृत व्यक्ति के खिलाफ जारी आदेश को रद्द कर दिया । लेकीन अपने आदेश मे न्यायालयने जीएसटी विभाग को मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का पर्याय उपलब्ध हैं , ये स्पष्ट कर दिया। 
मा.मद्रास उच्च न्यायालय के एकल पीठ के समक्ष जीएसटी असेसमेंट आदेशों को इस आधार पर चुनौती दी गई थी  कि वे एक मृत व्यक्ति के खिलाफ जारी किए गए थे। याचिकाकर्ता, दिवंगत श्री मुनुसामी नागाबुशनम के एक बेटे ने याचिका मे उनके पिता का 8 मई 2021 को निधन हो गया, जबकि बाद में उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस और असेसमेंट आदेश जारी किए गए । याचिकाकर्ता के वकील ने मृत्यु प्रमाण पत्र और कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मृत व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही कानूनी रूप से सही नहीं है। प्रस्तुत दस्तावेज़ों में स्पष्ट रूप से श्री मुनुसामी नागाबुशनम के निधन की तारीख का संकेत दिया गया है और स्थापित किया गया है कि सभी प्रासंगिक पत्राचार और विवादित असेसमेंट आदेश इस तिथि के बाद जारी किए गए थे। सरकारी वकील ने करदाता की मृत स्थिति के संबंध में तथ्यों का विरोध नहीं किया। 
मृत्यु प्रमाण पत्र और उसके कानूनी निहितार्थों को ध्यान में रखते हुए, मा.उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि विवादित असेसमेंट आदेशों को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। अदालत ने इन आदेशों को रद्द कर दिया, तथापि प्रतिवादी उप वाणिज्यिक कर अधिकारी के लिए दिवंगत श्री मुनुसामी नागबुशनम के कानूनी उत्तराधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का विकल्प खुला रहेगा ये स्पष्ट कर दिया।